1. आर्द्र वायु में यह सड़कर दुर्गंध दे सकता है।2. आर्द्र वायु शीत-ज्वर और श्वास का वितरणा करती फिरती थी।3. उत्क्रमण वस्तुत: नीचे की आर्द्र वायु और ऊपर की अनार्द्र वायु की सीमा बन जाता है। 4. उत्क्रमण वस्तुत: नीचे की आर्द्र वायु और ऊपर की अनार्द्र वायु की सीमा बन जाता है। 5. गरम जल की सतह से शीघ्रतापूर्वक वाष्पन होने के कारण बहुत ठंडी अथवा अपेक्षाकृत ठंडी आर्द्र वायु एकदम अति संतृप्त हो जाती है। 6. गरम जल की सतह से शीघ्रतापूर्वक वाष्पन होने के कारण बहुत ठंडी अथवा अपेक्षाकृत ठंडी आर्द्र वायु एकदम अति संतृप्त हो जाती है। 7. गरम जल की सतह से शीघ्रतापूर्वक वाष्पन होने के कारण बहुत ठंडी अथवा अपेक्षाकृत ठंडी आर्द्र वायु एकदम अति संतृप्त हो जाती है। 8. इसमें भूमध्यरेखा पर आर्द्र वायु धरती से गर्मी लेकर ऊपर उठती है और ध्रुवीय प्रदेशों में सूखी ठंडी वायु धरती की ओर आती है। 9. गरमी और वाष्प के कारण आर्द्र वायु हल्की होकर ऊपर उठती है और इसका स्थान ग्रहण करने के लिए अन्य हवाएँ आती रहती हैं। 10. वायुमंडल में वाष्पन तथा संघनन का कारण है वायु की जलवाष्प ग्रहण करने की शक्ति में कमी बेशी, अर्थात् आर्द्र वायु का गरम या शीतल होना।